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Holi 2025: होली पर लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, जानें किन चीजों का रखें खास ख्याल

Holi 2025: साल 2025 में होली पर चंद्रग्रहण का विशेष खगोलशास्त्रीय संयोग बन रहा है. 14 मार्च को होली खेली जाएगी, जबकि उसी दिन चंद्रग्रहण भी लगेगा. होलिका दहन 13 मार्च को होगा, लेकिन इस साल भद्रा का साया भी है, जिससे लोग यह सोच रहे हैं कि होली खेलना शुभ होगा या नहीं.

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Edited By: Princy Sharma
Holi 2025 Chandra Grahan
Courtesy: Pinterest

Holi 2025 Chandra Grahan: होली का पर्व इस साल एक खास खगोलशास्त्रीय घटना के साथ आ रहा है, क्योंकि 2025 में होली पर चंद्रग्रहण लगने वाला है. होली हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है, लेकिन इस बार 14 मार्च को जब होली खेली जाएगी, तब उसी दिन चंद्रग्रहण भी होगा. इस खगोलशास्त्रीय संयोग ने लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या ग्रहण के दौरान होली खेली जाएगी और क्या इस दिन कोई विशेष धार्मिक सावधानियां बरतनी चाहिए.

हिंदू पंचांग के अनुसार, होलिका दहन पूर्णिमा तिथि को किया जाता है. इस साल होलिका दहन 13 मार्च की रात को होगा. फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि 13 मार्च को सुबह 10:35 बजे से शुरू होकर 14 मार्च को दोपहर 12:23 बजे तक रहेगी. इस हिसाब से होलिका दहन 13 मार्च की रात को किया जाना उचित होगा. हालांकि, इस साल होली के साथ भद्रा का साया भी माना जा रहा है, जिससे कुछ लोग असमंजस में हैं कि क्या होली खेलना शुभ होगा या नहीं.

चंद्रग्रहण का समय और प्रभाव

चंद्रग्रहण 14 मार्च को सुबह 9:29 बजे से शुरू होगा और दोपहर 3:29 बजे तक रहेगा. ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पहले यानी 13 मार्च की रात 12:29 बजे से शुरू हो जाएगा. इस समय कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता, जैसे पूजा-पाठ, विवाह या अन्य धार्मिक अनुष्ठान. हालांकि, इस बार का चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए ग्रहण के दौरान भारतीय धरती पर कोई भी खास प्रभाव नहीं होगा और न ही यहां सूतक काल मान्य होगा.

ग्रहण और होली के दौरान धार्मिक कार्य

चंद्रग्रहण के दौरान कई लोग व्रत रखते हैं और पूजा में विशेष ध्यान देते हैं. इस दौरान कुछ विशेष उपाय भी किए जाते हैं जैसे चंद्रमा को अर्घ्य देना और ग्रहण के बाद स्नान करना. इस दिन विशेष रूप से सत्यनारायण भगवान की पूजा और फाल्गुन पूर्णिमा के स्नान के बाद दान-पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है. साथ ही, पितरों का तर्पण करना भी अत्यंत लाभकारी होता है.

हालांकि, क्योंकि भारत में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा, इसलिए यहां पर किसी तरह की विशेष पाबंदी या धार्मिक नियमों का पालन नहीं करना होगा. ऐसे में लोग अपनी खुशी और उल्लास के साथ रंगों की होली खेल सकते हैं.