Guru Ravidas Jayanti 2025: माघ माह की पूर्णिमा तिथि का विशेष धार्मिक महत्व है, लेकिन इस दिन की सबसे खास बात है गुरु रविदास जी की जयंती. इस दिन विशेष रूप से संत रविदास जी की पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और शोभा यात्राएं आयोजित की जाती हैं. इस दिन को सामाजिक एकता और भक्ति का प्रतीक माना जाता है. इस साल 12 फरवरी 2025 को रविदास जयंती मनाई जा रही है, जो धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है. आइए जानते हैं इस दिन के महत्व और इससे जुड़ी कुछ खास बातें.
गुरु रविदास जी का जन्म 1377 में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में माघ पूर्णिमा के दिन हुआ था. उनके पिता जूते बनाने का काम करते थे और रविदास जी ने अपनी जीवन यात्रा में समाज सुधार और शिक्षा को बहुत महत्व दिया. उन्होंने अपनी शिक्षा और भक्ति से समाज को एकता का संदेश दिया. संत रविदास जी ने अपनी शिक्षाओं से लोगों को जात-पात और भेदभाव से ऊपर उठकर प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रविदास जयंती के दिन पूजा और अर्चना करना चाहिए. इस दिन उनके भजन गाकर उनकी महिमा का गुणगान करना बेहद शुभ माना जाता है. साथ ही, जरूरतमंदों की सहायता करना और दान-पुण्य करना भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है. इससे जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता बनी रहती है. रविदास जयंती के दिन आत्म-चिंतन करने से मानसिक शांति मिलती है और व्यक्ति का मन प्रसन्न रहता है.
इस दिन किसी का अपमान न करें और न ही किसी के साथ लड़ाई-झगड़ा करें. कटु वचन बोलने से बचें और हमेशा अच्छे विचारों के साथ अपना दिन बिताएं. संत रविदास जी की शिक्षाओं पर चलकर जीवन में शांति और सुकून पाया जा सकता है.
संत रविदास जी का कहना था, 'भगवान उस इंसान के दिल में रहते हैं, जहां बैर, द्वेष या लालच नहीं होता.' इसके अलावा उनका यह भी कहना था, 'व्यक्ति जन्म से छोटा या बड़ा नहीं होता, बल्कि अपने कर्मों से वह छोटा या बड़ा बनता है.'