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Geeta Jayanti 2024: गीता एक पुस्तक नहीं, जीवन जीने का है सार, 18 अध्याय और 700 श्लोंकों में छिपा है ज्ञान का भंडार

Geeta Jayanti 2024: गीता जयंती एकादशी के दिन मनाई जाती है. गीता का उपदेश हर युग में प्रासंगिक है. इसे कलियुग का वरदान कहा जाता है, जो जीवन की समस्याओं को हल करने और ईश्वर की ओर ले जाने का मार्ग दिखाता है.

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Edited By: Babli Rautela
Geeta Jayanti 2024
Courtesy: Social Media

Geeta Jayanti 2024: गीता जयंती मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन मनाई जाती है. यह वह दिन है जब भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का दिव्य ज्ञान दिया था. गीता के 18 अध्याय और 700 श्लोक जीवन को सार्थक और महान बनाने का अमूल्य ज्ञान प्रदान करते हैं.

गीता मात्र एक धर्मग्रंथ नहीं है, यह जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शन देने वाला एक अद्वितीय ग्रंथ है. भगवान श्रीकृष्ण ने कहा, 'यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:. अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥'. इस श्लोक के माध्यम से उन्होंने अर्जुन को आश्वस्त किया कि जब भी अधर्म बढ़ेगा, वह धर्म की स्थापना के लिए अवतार लेंगे. 

गीता का उपदेश हर युग में प्रासंगिक है. इसे कलियुग का वरदान कहा जाता है, जो जीवन की समस्याओं को हल करने और ईश्वर की ओर ले जाने का मार्ग दिखाता है.

गीता पूजन विधि

  1. एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं और भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा स्थापित करें.
  2. गीता की नई प्रति को लाल या पीले कपड़े में लपेटकर रखें.
  3. भगवान श्रीकृष्ण को फल, मिठाई और पंचामृत अर्पित करें.
  4. श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप करें और गीता के 11वें अध्याय का पाठ करें.
  5. गीता और श्रीकृष्ण की आरती करें.
  6. अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें.

गीता जयंती पर दान का महत्व

इस दिन गीता की पुस्तक का दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है. यह न केवल आपके पापों का प्रायश्चित करता है, बल्कि जीवन में अच्छा बदलाव भी लाता है. साथ ही, जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, या अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करने से अद्भुत पुण्य मिलता है.

गीता का ज्ञान: जीवन का सार

गीता के 18 अध्याय जीवन को महान बनाने के सूत्र प्रस्तुत करते हैं. इसके उपदेश, आत्मा की अमरता, कर्मयोग, भक्ति और ज्ञान का महत्व सिखाते हैं. इसके साथ ही यह जीवन की शंकाओं का समाधान करता है और मानव को ईश्वर की भक्ति में लीन करता है. गीता का पाठ मानसिक शांति, मोक्ष और जीवन में स्थिरता का वरदान देता है.

गीता जयंती केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मिक उत्थान और जीवन की चुनौतियों को समझने का दिन है. श्रीकृष्ण का दिव्य उपदेश जीवन को एक नई दिशा प्रदान कर सकता है.