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Dwijapriya Sankashti Chaturthi पर गणपति बप्पा को चढ़ाएं ये भोग, हर मनोकामना होगी पूरी!

सनातन धर्म में हर शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा होती है. इस बार द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी 16 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी. मान्यता है कि इस दिन गणेश जी की पूजा करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और करियर व सफलता के मार्ग खुलते हैं.

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Edited By: Princy Sharma
Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2025
Courtesy: Pinterest

Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2025: सनातन धर्म में हर शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से होती है. मान्यता है कि गणपति बप्पा की कृपा से सभी कार्य सफल होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है. इस बार फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाई जाएगी. इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से करियर और जीवन में सफलता मिलती है.

पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 15 फरवरी को रात 11:52 बजे से शुरू होगी और 17 फरवरी को रात 02:15 बजे समाप्त होगी. ऐसे में 16 फरवरी 2025, रविवार को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन गणेश जी की पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और भक्तों को मनचाही सफलता मिलती है.

कैसे करें द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी की पूजा?

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इसके बाद गणपति बप्पा की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं और धूप-दीप से पूजा करें. भगवान गणेश को लाल पुष्प, दूर्वा (हरी घास), चंदन और अक्षत अर्पित करें. फिर गणेश जी के मंत्रों का जाप करें और उन्हें भोग अर्पित करें.

गणेश जी को कौन-से भोग लगाएं?

गणपति बप्पा को प्रसन्न करने के लिए उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाना बहुत जरूरी है. इस दिन पूजा में निम्नलिखित चीजों का भोग लगाया जा सकता है 

  • मोदक – गणेश जी को मोदक बहुत प्रिय हैं. मान्यता है कि मोदक का भोग लगाने से भगवान गणेश जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं.
  • लड्डू– गणपति बप्पा को बेसन और बूंदी के लड्डू का भोग लगाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
  • नारियल – पूजा में नारियल अर्पित करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं.
  • फल – गणेश जी को केले, सेब, अनार और अन्य फलों का भोग लगाना शुभ माना जाता है.
  • दूध और दही – भगवान गणेश को दूध और दही बहुत पसंद हैं. इन्हें पूजा में शामिल करने से विशेष लाभ मिलता है.

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का महत्व

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत करने और गणेश जी की उपासना करने से सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है. खासतौर पर वे लोग जो करियर और बिजनेस में सफलता चाहते हैं, उन्हें इस दिन गणेश जी की विशेष पूजा करनी चाहिए.