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Dussehra 2024: रावण की मृत्यु के बाद क्या हुआ? कहां गई दशानन की तीन पत्नियां?

Dussehra 2024: दशहरा का त्यौहार सदियों से बुराई पर अच्छाई की जीत पर मनाया जाता है. इस दिन रावण, उसके भाई कुंभकरण और उसके बेटे मेघनाथ के पुतले जलाकर जीत का जश्न मनाया जाता है. रावण से युद्ध कर भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता को उसके चंगुल से आजाद किया था और रावण का नाश किया था. आज हम आपको बताएंगे की रावण के नाश के बाद क्या हुआ और कहां गई दशानन की पत्नी मंदोदरी.

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Edited By: Babli Rautela
Dussehra 2024
Courtesy: Social Media

Dussehra 2024: आज पूरे देशभर में दशहरा मनाया जाएगा. सदियों से बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार दशहरा रावण, उसके भाई कुंभकरण और उसके बेटे मेघनाथ के पुतले जलाकर जीत के जश्न के साथ मनाया जाता है. ज़्यादातर लोग इस अवसर के पीछे की कहानी जानते हैं, जिसमें भगवान राम ने अहंकारी रावण को हरा कर अपनी पत्नी सीता को उसके चगुंल से मुक्त किया था. हालाँकि, आज हम यह पता लगाएँगे कि रावण के विनाश के बाद उसकी तीन पत्नियों, जिनमें मंदोदरी भी शामिल थी, के साथ क्या हुआ.

रावण की पहली पत्नी मंदोदरी 

दशानन, लंकाधिपति और राक्षसराज जैसे कई नामों से जाने जाने वाले रावण की तीन पत्नियां थीं. उसकी पहली पत्नी मंदोदरी थी जो राक्षस राजा मायासुर की बेटी थी. उसने रावण के इंद्रजीत, मेघनाथ, महोदर, प्रहस्त और विरुपाक्ष भीकम सहित पाँच पुत्रों को जन्म दिया था. हालांकि, वह उसकी एकमात्र पत्नी नहीं थी. रावण की दो और पत्नियां थीं. उनकी दूसरी पत्नी का नाम धन्यमालिनी था. जिससे रावण के दो बेटे अतिक्या और त्रिशिरार दिए थे. कहा जाता है की रावण की तीसरी पत्नी भी थी, जिसे उसने मार डाला था. वह भी रावण के तीन बच्चों की मां थी. जिसमें प्रहस्त, नरंतका और देवताका शामिल थे.

रावण के विनाश के बाद कहा गई उसकी पत्नियां

रावण के विनाश के बाद, भगवान राम ने उसका राज्य, लंका, उसके छोटे भाई विभीषण को सौंप दिया. उन्होंने मंदोदरी के सामने रावण के छोटे भाई विभीषण से विवाह करने का भी प्रस्ताव रखा था. लेकिन उसने प्रस्ताव ठुकरा दिया क्योंकि वह उसका देवर था और मंदोदरी पतिव्रत धर्म के सिद्धांतों का सख्त पालन करती थी. उनका विश्वास इतना दृढ़ था कि उन्हें अक्सर देवी अहिल्या से तुलना की जाती थी. बता दें की मंदोदरी एक कुशल ज्योतिषी थीं और विभीषण से विवाह करने के नैतिक, तार्किक और धार्मिक पहलुओं को पहचानती थीं.

वाल्मीकि रामायण में रावण की मृत्यु के बाद उसकी रानी मंदोदरी के जीवन के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी गई है. हालाँकि, रामायण की अलग अलग कहानियों में बताया है कि रावण ने अपनी ही एक पत्नी को मार डाला था, इसलिए उसके बारे में बहुत कुछ ज्ञात नहीं है.

सीता के अपहरण के विरोध में थी मंदोदरी

बता दें की रावण के परिवार में केवल रावण की पत्नी, मंदोदरी और भाई, विभीषण ही ऐसे सदस्य थे जिन्होंने सीता के अपहरण और भगवान राम के साथ युद्ध का विरोध किया था. हालांकि, उनके लाख मना करने के बावजूद भी रावण ने सीता को जाने देने या आगामी युद्ध को रोकने से इनकार कर दिया.

आखिरकार, रावण की जिद ने एक महाकाव्य युद्ध को जन्म दिया जिसमें वह भगवान राम द्वारा हार गया और नष्ट हो गया.