ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रहों की चाल व्यक्ति के जीवन में हर प्रकार से असर डालती है. नौकरी, व्यापार, पर्सनल लाइफ सभी को ग्रहों का शुभ और अशुभ प्रभवान प्रभावित करता है. ग्रहों और नक्षत्रों की शुभ व अशुभ प्रकृति, दृष्टि व अशुभ योग के चलते प्यार में बेवफाई मिलती है. लव लाइफ में धोखा मिलने पर व्यक्ति अंदर से टूट जाता है. पुरुष हो या महिला, ग्रहों का अशुभ प्रभाव पर्सनल लाइफ तहस-नहस कर देता है.
ज्योतिष में तीन ग्रहों को ब्रेकअप का प्रमुख कारण माना गया है. ब्रेकअप का मुख्य कारण सूर्य, मंगल और शनि जैसे ग्रहों का प्रभाव होता है. इन तीनों ग्रहों के कारण ब्रेकअप होता है. इन तीनों ग्रहों में से जब कोई एक उच्च राशि में होकर पंचम या सप्तम भाव को देखता है तो ब्रेकअप के योग बनते हैं. इसके साथ ही अगर किसी की कुंडली में सूर्य, मंगल और शनि के अलावा पांचवें और सातवें घर के स्वामी ग्रह पर इन तीनों में से किसी एक की भी नजर पड़ जाती है तो भी ब्रेकअप हो जाता है. वहीं मंगल का भी कुंडली में दूषित होना अशुभ फल प्रदान करता है.
कुंडली के पंचम और सप्तम भाव के स्वामी जब कमजोर होते हैं तो प्यार में सफलता नहीं मिलती है. ऐसे लोगों का ब्रेकअप हो जाता है. पति और पत्नी में तलाक तक हो जाता है. वहीं, ज्योतिष शास्त्र में अनुसार जब राहु, मंगल, सूर्य और शनि ग्रह अपनी नीच राशि में होते है और अपनी नीच राशि से पंचम और सप्तम भाव में दृष्टि डालते हैं तो रिलेशनशिप में दरार आ जाती है. चंद्रमा की राहु या केतु के साथ युति भी रिलेशनशिप में परेशानी लाती है. चंद्रमा मन का कारक है, इसके कमजोर होने पर लवर्स में झगड़ा होने लगता है.
ज्योतिष में राहु और केतु को अलगाव करने वाला माना जाता है. इन दोनों की महादशा भी व्यक्ति का ब्रेकअप करा देती है. राहु की महादशा ब्रेकअप और केतु की महादशा तलाक करा सकती है.
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