5 घंटे की शिफ्ट, बिना स्मार्टफोन करनी होगी रामलला की सेवा, राम मंदिर के पुजारियों की बदल गई ड्रेस
Ayodhya Ramlala Mandir: अयोध्या में स्थित रामलला मंदिर में 1 जुलाई से पुजारियों की ड्रेस बदल गई है. मंदिर में ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है. अब मुख्य पुजारी, 4 सहायक पुजारी समेत 20ल ट्रेनी पुजारी एक खास परिधान में दिखेंगे. इसके साथ ही पुजारियों की 5-5 घंटे की ड्यूटी लगाई जाएगी. कोई भी पुजारी ड्यूटी के समय अपने साथ स्मार्टफोन नहीं रख सकेगा.

Ayodhya Ramlala Mandir: 1 जुलाई से आपको रामलला मंदिर में काफी बदलाव देखने को मिलेगा. राम मंदिर ट्रस्ट ने वहां के पुजारियों के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया है. अब यहां के पुजारी आपको खास परिधान में दिखेंगे. अभी तक गर्भगृह में मौजूद पुजारी केसरिया रंग के कपड़ों में दिखते थे. अब ये पुजारी सिर पीला साफा, पीतांबरी चौबंदी के साथ धोती में दिखेंगे.
मंदिर के एक सहायक पुजारी ने बताया कि धर्मशास्त्रों के अनुसार पुजारियों को ऐसे वस्त्र नहीं पहनने चाहिए, जिनमें पांव या फिर सिर डालना पड़े. इस कारण यह नया ड्रेस कोड लागू किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पहले पुजारी सामान्य कुर्ता-पायजामा पहनकर आ जाते थे. अब नए ड्रेस कोड को लागू कर दिया गया है. इससे एकरूपता आएगी. इससे मंदिर के वरिष्ठ पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास भी सहमत हैं.
फोन नहीं ले जा पाएंगे पुजारी
अब रामलला के गर्भगृह में पुजारी एंड्रॉयड फोन नहीं ले जा पाएंगे. यह निर्णय सुरक्षा कारणों से लिया गया है. इन दिनों राम मंदिर परिसर के अंदर से कुछ ऐसी तस्वीरें आई थीं, जिनको लेकर काफी बवाल हुआ था. इसमें से एक तस्वीर पानी टपकने वाली भी थी. इसको लेकर बाद में ट्र्स्ट ने सफाई देते हुए कहा था कि जिस स्थान पर रामलला विराजमान हैं वहां पर एक बूंद भी पानी नहीं आया है.
5 घंटे की सेवा देंगे पुजारी
रामलला मंदिर में हर सहायक पुजारी को अब 5 घंटे पूजा अवश्य करनी होगी. मंदिर में अभी 4 सहायक पुजारी हैं. हर सहायक पुजारी के साथ ही 5 ट्रेनी पुजारी भी लगे हुए हैं. रामलला मंदिर में सेवा की शुरुआत सुबह 3 बजकर 30 मिनट से हो जाती है. इसके बाद यह रात 11 बजे तक होती है. पुजारियों को हर टीम को अब 5-5 घंटों की सेवा देनी होगी.
हर पहर के लिए अलग-अलग होंगे पुजारी
रामलला की भोग आरती दोपहर 12 बजे होती है. वहीं, संध्या आरती शाम 7 बजकर 20 पर होती है. इसके बाद भोग आरती 8 बजे होती है. शयन आरती 10 बजे होती है. इसके बाद गर्भगृह के पट बंद कर दिए जाते हैं. अब इन अलग-अलग पहर में होने वाली आरतियों के लिए अलग-अलग पुजारी होंगे. अब ट्रेनी पुजारी भी सहायक पुजारियों की तरह ही अपनी सेवा देंगे.
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