menu-icon
India Daily

Diwali 2024: दिवाली पर हो जाएंगे कंगाल! भूल कर भी घर से ना फेंके ये चीजें

दिवाली आने में बस कुछ ही दिन रह गए हैं. उससे पहले हम सभी अपने घर का कोना-कोना चमकाते हैं. घर का सारा पुराना, टूटा हुआ सामान बाहर फेंक देते हैं. लेकिन कुछ ऐसी भी चीजें हैं जिन्हें आपको बाहर निकालने से पहले सोचना होगा. नहीं तो घर पर कंगाली आ सकता है. 

auth-image
Edited By: Reepu Kumari
Diwali 2024
Courtesy: Pinteres

Diwali 2024: हिंदू धर्म में दिवाली का बहुत महत्व है. यह हर जगह खुशियां और सौभाग्य फैलाने के बारे में है. इसलिए लोग इसके लिए हफ्तों पहले से ही तैयारियां शुरू कर देते हैं. वे अपने घरों को ऊपर से नीचे तक साफ करते हैं. लेकिन यहां एक दिलचस्प बात है.  कुछ ऐसी भी चीजें हैं जिन्हें आपको इस शुभ दिन पर फेंकने से बचना चाहिए. नहीं तो आप कब कंगाल हो जाएंगे आपको अंदाजा भी नहीं लगेगा.

यहां हम आपको कुछ जरूरी सामानों के बारे में बता रहे हैं. जिन्हें वास्तु के हिसाब से घर में ही रहने देना चाहिए या दिवाली के बाद गंगा में बहाना चाहिए.

शंख 

ऐसा माना जाता है कि शंख में देवताओं का वास होता है. शंख के बीच में वरुण देव विराजमान हैं, पीछे ब्रह्मा हैं और आगे गंगा और सरस्वती हैं. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु अपने विभिन्न अवतारों में दुनिया में नकारात्मकता को नष्ट करने के लिए पंचजन्य शंख बजाते हैं. माना जाता है कि शंख की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी. इसलिए इसे भूल कर भी ना फेकें.

लाल कपड़े

दिवाली पर लाल कपड़े का विशेष महत्व होता है. यह कपड़ा शक्ति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इसलिए, इसे फेंकने से बचना चाहिए.

दिवाली पर लाल कपड़े के उपयोग:

1. देवी लक्ष्मी की पूजा में लाल कपड़े का उपयोग किया जाता है.
2. लाल कपड़े से बने दीवार हैंगिंग और टेबल रनर घर को सजाते हैं.
3. लाल कपड़े में रखे हुए पूजा के सामग्री का महत्व बढ़ जाता है.

टूटी-फूटी पुरानी मूर्तियों 

1. धार्मिक महत्व: मूर्तियां देवताओं का प्रतीक होती हैं और उन्हें फेंकना अपवित्र माना जाता है.

2. शुभता की हानि: मूर्तियों को फेंकने से घर में शुभता कम हो सकती है.

3. पुनर्चक्रण: टूटी मूर्तियों को पुनर्चक्रण कर दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है.

4. दान: अच्छी हालत वाली मूर्तियों को मंदिर या गरीब लोगों को दान करें.

इसके बजाय;

1. मूर्तियों को साफ करें और दोबारा उपयोग करें.

2. मूर्तियों को सम्मानजनक स्थान पर रखें.

3. मूर्तियों को विशेषज्ञों द्वारा मरम्मत कराएं.

4. मूर्तियों को पवित्र नदी में विसर्जित करें, यदि वे पूरी तरह से टूट गई हों.