Christmas Day Celebration 2023: दुनियाभर में इन दिनों क्रिसमस के साथ-साथ नए साल के जश्न की तैयारी जोरों पर है. क्रिसमस का त्योहार ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है. यह त्योहार हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है. ईसाई समुदाय के लोग इस दिन को प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं. यह त्योहार दुनिया बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. यह एक ऐसा त्योहार है जिसका सभी धर्मों को मानने वाले लोगों को
क्रिसमस ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है, लेकिन इसका इंतजार सभी धर्मों के लोग खासकर बच्चों को तो रहता ही रहता है, क्योंकि इस दिन उन्हें कोई न कोई गिफ्ट जरूर मिलता है. इस दिन लोग क्रिसमस ट्री सजाते हैं, केक काटते हैं, गिफ्ट देते हैं और एक दूसरे को मैरी क्रिसमस कहकर बधाई भी देते हैं। क्रिश्चियन समुदाय लोग तो इस दिन से ही नए साल की शुरुआत भी मानते हैं. ऐसे में आज यह जानने की कोशिश करते हैं कि क्रिसमस की शुरुआत कब, कैसे, क्यों और कहां से हुई. साथ ही इससे जुड़ी परंपरा और महत्व के बारे में जानते हैं.
जवाब- क्रिसमस शब्द की उत्पति 'मास ऑफ क्राइस्ट' (Mass of Christ) से हुई है. पहली बार यानी सबसे पहले क्रिसमस का त्योहार ईसाई रोमन सम्राट कॉन्सटेंटाइन (Christian Roman Emperor) के शासनकाल में 336 ईं. में मनाया गया था. पोप जुलियस ने इसके कुछ वर्षों बाद जीसस क्राइस्ट का जन्मदिन 25 दिसंबर को हर दिन मनाने का आधिकारिक ऐलान कर दिया. इसके बाद से हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार मनाया जाने लगा.
जवाब- इसके बारे में कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं है, लेकिन माना जाता है कि सबसे पहले क्रिसमस का त्योहार रोम में मनाया गया था. हालांकि रोम में यह दिन सूर्य देवता के जन्मदिन के तौर पर मनाया गया था. लेकिन बाद में ईसाई धर्म के प्रभाव बढ़ने लगा. 330 ई. तक रोम में ईसाई धर्म को मानने वालों की तादाद काफी बढ़ गई थी.
जवाब- मेरी क्रिसमस (Merry Christmas) का क्या अर्थ क्रिसमस के पावन मौके पर खुश होने, जश्न मनाने और मिलकर खुशियां में शामिल करने से है. आपको बता दें कि Merry शब्द पहले क्रिसमस से प्रत्यक्ष रुप से नहीं जुड़ा हुआ था, लेकिन चार्ल्स डिकेंस की प्रसिद्ध कहानी 'ए क्रिसमस कैरोल' में 'मेरी क्रिसमस' के उल्लेख से इस शब्द का प्रचलन बढ़ा और धीरे-धीरे यह क्रिसमस से जुड़ गया.
जवाब- बाइबिल में कहीं भी प्रभु यीशु के जन्मदिन के रूप में 25 दिसंबर की तारीख का जिक्र नहीं है. बाइबल में प्रभु यीशु के जन्म दिन और साल का उल्लेख नहीं है. कहा जाता है कि मदर मैरी ने बेथलहम में प्रभु यीशु को जन्म दिया था. शुरुआत में उनके जन्म का जश्न नहीं मनाया गया था.
जवाब- माना जाता है कि फिलिस्तीन के बेथलेहेम शहर में प्रभु यीशु का जन्म 4 से 6 ई.पू. के आसपास हुआ था. इनके माता-पिता दोनों नाजेरथ के रहने वाले थे और बेथलेहेम आकर बस गए थे.
जवाब- पावन त्योहार क्रिसमस का मुख्य संदेश शांति है. ईसाई धर्म के ग्रथों में ईसा को शांति का राजकुमार कहा गया है. ईसा हमेशा कहते थे 'शांति के बिना किसी का अस्तित्व संभव नहीं है. ईसाई धर्म में युद्ध, हिंसा, संघर्ष और घृणा को कोई जगह नहीं दी गई है.
जवाब- क्रिसमस का अर्थ बड़ा दिन यानी प्रभु ईसा मसीह यानी यीशु के जन्म का मनाए जाने है. दुनियाभर में क्रिसमस का पावन पर्व हर 25 दिसंबर को मनाया जाता है. इस मौके पर भारत समेत दुनियाभर के अधिकांश देशों में छुट्टी रहता है. क्रिसमस से 12 दिन पहले क्रिसमसटाइड से इस त्योहार की शुरुआत हो जाती है.
जवाब- क्रिसमस की शुरुआत कब, कहां और कैसे हुई इसके संबंध में कई दावे किए जाते हैं. हालांकि बड़े पैमाने पर मान्यता है कि क्रिसमस की सबसे पहले शुरुआत रोम से हुई. हालांकि रोम में पहले इस दिन को सूर्य देवता के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता था. दरअसल उस समय रोम के सम्राट सूर्य को अपना मुख्य देवता मानते थे और पूरे रोम में उनकी ही अराधना की जाती थी.
जवाब- क्रिसमस के पावन मौके पर क्रिसमस ट्री लगाने की पैराणिक मान्यता है. दरअसल ईसाई धर्म में क्रिसमस ट्री को जीवन की निरंतरता का प्रतीक और प्रभु यीशु की ओर से मिलने वाले लंबे उम्र के आशीर्वाद के रूप में माना गया है. मान्यता है क्रिसमस के पावन मौके पर घर में क्रिसमस ट्री लगाने और सजाने बच्चों की उम्र लंबी होती है.
जवाब- सांता क्लॉज के बिना क्रिसमस का त्योहार पूर्ण नहीं माना जाता है. सांता को सांता क्लॉज, सेंट निकोलस, रिस क्रिंगल, फादर क्रिसमस, समेत कई नामों से जाना जाता है।