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चैत्र मास आज से शुरू; राम नवमी, हनुमान जयंती से लेकर नवरात्रि तक, यहां चेक करें पूरी लिस्ट

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, ब्रह्मांड का निर्माण इसी महीने में शुरू हुआ था. चैत्र ऋतु परिवर्तन का भी प्रतीक है, इसलिए यह जीवनशैली और आहार संबंधी सावधानियों का समय है. इस दौरान बासी भोजन, देर से जागना और गर्म पानी से नहाने से बचने की सलाह दी जाती है.

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Edited By: Reepu Kumari
Chaitra month starts today; From Ram Navami, Hanuman Jayanti to Navratri, check the complete list he
Courtesy: Pinterest

Chaitra Navratri 2025: हिंदू कैलेंडर का पहला महीना चैत्र, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. चैत्र नाम इस तथ्य से लिया गया है कि इस महीने की पूर्णिमा के दिन, चंद्रमा चित्रा नक्षत्र में स्थित होता है. 

यह महीना विशेष रूप से देवी दुर्गा, भगवान विष्णु के मत्स्य (मछली) के रूप में पहले अवतार और सूर्य देव (सूर्य देव) की पूजा के लिए समर्पित है. 

चैत्र माह अवधि

2025 में, चैत्र 15 मार्च को शुरू होगा और 12 अप्रैल तक चलेगा. यह महीना महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों और अनुष्ठानों से भरा हुआ है, जिनमें चैत्र नवरात्रि, रंग पंचमी, शीतला अष्टमी, सूर्य ग्रहण, चैत्र अमावस्या, प्रदोष व्रत, राम नवमी, गुड़ी पड़वा, हनुमान जयंती और पापमोचिनी एकादशी शामिल हैं.

चैत्र 2025 में प्रमुख त्यौहार और तिथियां15 मार्च 2025: चैत्र माह का आरंभ

16 मार्च, 2025: भाई दूज
होली के बाद मनाया जाने वाला भाई दूज भाई-बहन के बीच प्रेम का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाइयों के लिए तिलक लगाती हैं और उनकी समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना करती हैं.

17 मार्च, 2025: भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी
भगवान गणेश को समर्पित यह व्रत बाधाओं पर काबू पाने और दिव्य आशीर्वाद पाने के लिए किया जाता है।

19 मार्च, 2025: रंग पंचमी
यह त्यौहार देवताओं को समर्पित है, ऐसी मान्यता है कि इस दिन आकाशीय प्राणी सूक्ष्म रूप में पृथ्वी पर उतरते हैं.

21 मार्च 2025:  शीतला सप्तमी

22 मार्च, 2025: शीतला अष्टमी, बासौड़ा, कालाष्टमी
यह त्यौहार बीमारियों और संक्रमणों से सुरक्षा के लिए मनाया जाता है. स्वास्थ्य और कल्याण की देवी मानी जाने वाली देवी शीतला की पूजा की जाती है.

25 मार्च, 2025: पापमोचिनी एकादशी
ऐसी मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से पापों से मुक्ति मिलती है. आध्यात्मिक शुद्धि के लिए इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है.

27 मार्च 2025:  प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि

29 मार्च, 2025: सूर्य ग्रहण, चैत्र अमावस्या
2025 में चैत्र अमावस्या को सूर्य ग्रहण घटित होगा. यह दिन पूर्वजों को समर्पित है और इस अवसर पर किए गए धार्मिक अनुष्ठानों से शांति और समृद्धि लाने की मान्यता है.

30 मार्च, 2025:  गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि शुरू
गुड़ी पड़वा हिंदू नववर्ष का प्रतीक है, खासकर महाराष्ट्र में. चैत्र नवरात्रि का पहला दिन घटस्थापना के साथ मनाया जाता है, जो देवी दुर्गा के आह्वान का प्रतीक है. ब्रह्म पुराण के अनुसार, इस दिन सृष्टि की शुरुआत हुई थी और भगवान विष्णु ने नवरात्रि के तीसरे दिन अपना मत्स्य अवतार लिया था.

31 मार्च, 2025: गणगौर महोत्सव

6 अप्रैल, 2025: राम नवमी
यह दिन भगवान राम के जन्म का स्मरण करता है. इस अवसर पर भगवान राम की पूजा करने से शांति और समृद्धि आती है.

12 अप्रैल, 2025:  चैत्र पूर्णिमा, हनुमान जयंती
इस महीने का समापन हनुमान जयंती के साथ होता है, जो भगवान राम के परम भक्त भगवान हनुमान के जन्म का प्रतीक है. भक्त शक्ति और सुरक्षा के लिए उनका आशीर्वाद पाने के लिए उपवास और विशेष प्रार्थना करते हैं.