Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन हम मां कालरात्रि की पूजा करते हैं. वे नवदुर्गा के सातवें रूप हैं और उनकी शक्ति बहुत बड़ी है. मां कालरात्रि का रंग काला है और उनकी तीन आंखें हैं. वे अपने गले में बिजली की माला पहनती हैं और उनके हाथों में खड्ग और कांटा होते हैं. उनका वाहन गधा है और वे हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करती हैं.
मां कालरात्रि की पूजा से शत्रु और विरोधियों पर काबू पाया जा सकता है. इस पूजा से डर, दुर्घटनाएं और बीमारियां दूर होती हैं, और नकारात्मक ऊर्जा का असर भी खत्म हो जाता है. ज्योतिष में शनि ग्रह को नियंत्रण में रखने के लिए भी मां कालरात्रि की पूजा बहुत फायदेमंद मानी जाती है.
मां कालरात्रि की पूजा शत्रु और विरोधियों को नियंत्रित करने के लिए बहुत फायदेमंद होती है. इससे डर, दुर्घटनाएं और बीमारियां दूर होती हैं, और नकारात्मक ऊर्जा का असर नहीं होता. ज्योतिष में शनि ग्रह को नियंत्रण में रखने के लिए उनकी पूजा बहुत असरदार होती है.
इस दिन, मां के सामने घी का दीपक जलाएं और उन्हें लाल फूल चढ़ाएं. साथ ही, गुड़ का भोग अर्पित करें और मां के मंत्रों का जाप करें या सप्तशती का पाठ करें. फिर, गुड़ का आधा हिस्सा अपने परिवार में बांटें और बाकी गुड़ किसी ब्राह्मण को दान करें. इस दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचें.
अगर शत्रु या विरोधियों को शांत करना हो, तो सफेद या लाल कपड़े पहनकर रात में मां कालरात्रि की पूजा करें. दीपक जलाएं, गुड़ का भोग चढ़ाएं और नवार्ण मंत्र (ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे) का 108 बार जाप करें. हर बार एक लौंग चढ़ाएं और फिर उन लौंगों को आग में डाल दें. इससे शत्रु शांत होंगे और मानसिक शांति मिलेगी.