Chaitra Navratri 2025: हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का त्योहार बेहद शुभ माना जाता है. नवरात्रि नौ दिनों का त्यौहार होता है जिसमें लोग देवी पार्वती की पूजा करते हैं. इन नौ दिनों के दौरान, लोग उपवास रखते हैं और मां पार्वती के नौ रूपों की पूजा करते हैं. हर साल दो नवरात्रि होती हैं, एक मार्च-अप्रैल के महीने में मनाई जाती है जिसे चैत्र नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है और दूसरी सितंबर-अक्टूबर के महीने में मनाई जाती है जिसे शरद नवरात्रि के नाम से जाना जाता है.
द्रिक पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि हिंदू चंद्र-सौर कैलेंडर के पहले दिन से शुरू होती है. चैत्र हिंदू चंद्र कैलेंडर का पहला महीना है, इसलिए इस त्यौहार को चैत्र नवरात्रि के नाम से जाना जाता है.
इस साल चैत्र नवरात्रि का त्योहार 30 मार्च रविवार से शुरू होगा और 6 अप्रैल रविवार को समाप्त होगा. इस साल यह त्यौहार नौ दिनों के बजाय आठ दिनों तक मनाया जाएगा. ऐसा इसलिए होगा क्योंकि द्वितीया और तृतीया तिथि एक ही दिन पड़ रही हैं. इसलिए, द्वितीया और तृतीया 31 मार्च, 2025 को मनाई जाएगी. नवरात्रि के दौरान अलग-अलग अनुष्ठान किए जाते हैं. इनमें घटस्थापना, दैनिक पूजा अर्पण, कन्या पूजन और संधि पूजा शामिल हैं.
जैसे नवरात्रि हर साल दो बार मनाई जाती है, वैसे ही दुर्गा पूजा भी होती है. दुर्गा पूजा एक बार चैत्र और एक बार शरद में मनाई जाती है. चैत्र के महीने में मनाई जाने वाली पूजा को बसंती पूजा और शरद के महीने में मनाई जाने वाली पूजा को शारदीय दुर्गा पूजा या अकाल बोधोन के नाम से जाना जाता है. जबकि अकाल बोधोन आज अधिक व्यापक रूप से मनाया जाता है, यह बसंती पूजा है जो शारदीय दुर्गा पूजा से पहले शुरू की गई थी.