Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी का त्योहार हर वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष ये तिथि 14 फरवरी को है इसलिए इसी दिन बंसत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा. वैदिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पचंमी के तिथि को ही माता सरस्वती का प्राकट्य हुआ था. इसलिए इसी तिथि को मां सरस्वती का पूजन वंदन किया जाता है.
बसंत पंचमी को बच्चों के गुरुकुल की होती है शुरुआत
बसंत पंचमी को माता सरस्वती की पूजा-अर्चना करके आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. इसी तिथि को बच्चों का उपनयन संस्कार कराया जाता है. साथ ही इसी दिन उनके गुरुकुलों में शिक्षा देने की शुरुआत की जाती है. इस बंसत पंचमी को शश महापुरुष राजयोग 30 साल बाद बन रहा है. इस वजह से इस त्योहार का महत्व और भी बढ़ गया है. इस महासंयोग में माता सरस्वती की पूजा-अर्चना और कुछ ज्योतिषीय उपाय करने से करियर, शिक्षा में तरक्की मिल सकती है.
इस तिथि को मां शारदे की पूजा करने से शिक्षा और बुद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन माता का आशीष लेने के लिए सुबह स्नाह करके पीले रंग का वस्त्र धारण करें, तब माता की पूजा करें.
शुभ मुहूर्त - पंचांग के अनुसार, इस साल बसंत पचंमी 13 फरवरी को दोपहर 2 बजकर 41 मिनट से लेकर 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट तक रहने वाला है. इसी वजह से उदया तिथि के अनुसार 14 फरवरी को ही सरस्वती पूजा की जाएगी.
पूजन मुहूर्त - बसंत पंचमी के पूजन का शुभ संयोग 14 फरवरी को सुबह 10 बजकर 30 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 30 मिनट तक रहने वाला है.
शुभ मुहूर्त - मां शारदे का आशीर्वाद पाने के लिए बसंत पंचमी (14 फरवरी) को सुबह 7 बजकर 10 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 22 मिनट तक आप माता की आराधना कर सकते हैं.