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Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी का त्योहार मनाते हैं लेकिन जानते हैं इसकी कहानी? जानें इस साल किस तारीख है सरस्वती पूजा

बसंत पंचमी न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह समाज और संस्कृति में भी विशेष स्थान रखता है. यह दिन हमें ज्ञान, शिक्षा और सकारात्मक ऊर्जा का संदेश देता है. 2025 में इस पर्व को उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाएं और मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करें.

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Edited By: Reepu Kumari
Basant Panchami 2025
Courtesy: Pinteres

Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी का त्योहार भारत में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. यह पर्व मां सरस्वती की पूजा और वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है.

साल 2025 में बसंत पंचमी 2 फरवरी, सोमवार को मनाई जाएगी. इस दिन को विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित किया जाता है.

बसंत पंचमी का महत्व

बसंत पंचमी को ज्ञान, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती की आराधना के लिए जाना जाता है. यह दिन विशेष रूप से छात्रों, कलाकारों और शिक्षकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इस दिन पीले रंग का खास महत्व होता है क्योंकि यह समृद्धि और ऊर्जा का प्रतीक है. लोग पीले वस्त्र पहनते हैं, पीले फूलों से मां सरस्वती की पूजा करते हैं और पीले रंग के पकवान जैसे कि खिचड़ी और मिठाइयां बनाते हैं.

बसंत पंचमी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

पौराणिक कथा के अनुसार, सृष्टि के निर्माण के समय भगवान ब्रह्मा ने मानव जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए मां सरस्वती को उत्पन्न किया. मां सरस्वती ने अपने वीणा के सुर से संसार को वाणी, ज्ञान और संगीत प्रदान किया. इस दिन को नए कार्यों की शुरुआत के लिए भी शुभ माना जाता है. देश के विभिन्न हिस्सों में इस दिन को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है.

2025 में बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त

साल 2025 में बसंत पंचमी 2 फरवरी को है. पूजा का शुभ मुहूर्त इसकी शुरुआत 2 फरवरी सुबह 9:14 से होगी. समापन  3 फरवरी को सुबह 06:52 पर  होगा. इस समय में मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल प्राप्त होता है.

कैसे करें सरस्वती पूजा?

  • पूजा स्थल को साफ करें और मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें.
  • पीले वस्त्र पहनें और पीले फूल, हल्दी और चंदन से पूजा करें.
  • मां सरस्वती को पीले रंग की मिठाइयों और फल अर्पित करें.
  • सरस्वती वंदना और मंत्रों का जाप करें.