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भारत का वो मंदिर जहां शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से बन जाता है छाछ, फिर बांटा जाता है प्रसाद

Gangadhareshwara Temple: बैंगलोर के गंगाधरेश्वर मंदिर ने शिवलिंग अभिषेक के दौरान चढ़ाए गए दूध को छाछ में बदलने की एक अनोखी प्रथा अपनाई है, जिसे अगले दिन प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है. ईश्वरानंद स्वामी द्वारा समर्थित इस पद्धति से यह सुनिश्चित होता है कि दूध बर्बाद न हो और भक्तों के लिए इसकी शुद्धता बनी रहे.

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Gangadhareshwara Temple: कई सालों से शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, शहद, गन्ने के रस और कई अन्य चीजों से किया जाता रहा है. इसे लेकर कई मान्यता भी हैं. जो लोग भोलेनाथ के बहुत बड़े भक्त हैं वह हर रोज मंदिर जाकर शिवलिंग पर दूध जरूर चढ़ाते हैं. क्या आपको पता है बैंगलोर शहर में एक ऐसा मंदिर है जहां शिवलिंग को दूध चढ़ाने के बाद प्रसाद में छाछ दिया जाता है.  अभिषेक समारोह के दौरान दूध बर्बाद होने की जगह यह मंदिर इस  अनोखी प्रथा को फॉलो करता है. 

बैंगलोर में मौजूद इस मंदिर का नाम गंगाधरेश्वर है.टी दासरहल्ली क्षेत्र में  स्थित गंगाधरेश्वर मंदिर शिवलिंग पर चढ़ाए गए दूध को छाछ में बदलने और फिर अगले दिन भक्तों को प्रसाद के रूप में वापस देने के अनोखे प्रथा के लिए जाना जाता है. 

मंदिर के प्रमुख ने लिया फैसला

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंदिर के प्रमुख ईश्वरानंद स्वामी ने कहा, 'मैं लंबे समय से इस बात पर रिसर्च कर रहा था कि हम भक्तों की सेवा कैसे कर सकते हैं. मैंने यह भी पढ़ा है कि चूंकि दूध एक बहुत ही खास प्रोडक्ट है, इसलिए इसे बर्बाद नहीं करना बेहतर है. हम अभिषेक करते हैं, लेकिन इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि अभिषेक में इस्तेमाल की जाने वाली अन्य चीजें जैसे सिंदूर या हल्दी न मिले ताकि दूध खराब न हो. '

कैसे बनाते हैं छाछ?

मंदिर के प्रमुख ईश्वरानंद स्वामी ने आगे कहा, 'हम एक स्वच्छ प्रक्रिया का पालन करते हैं जिसमें दूध को फरमेंट किया जा सकता है ताकि यह छाछ में बदल जाए. क्योंकि इसमें एक दिन लगता है, इसलिए हम आम तौर पर मंगलवार को छाछ परोसते हैं.' सोमवार को और भगवान शिव से जुड़े खास दिन को सैकड़ों लीटर दूध चढ़ाया जाता है तब यह मंदिर भक्तों को प्रसाद के रूप में छाछ देते हैं.  ये अनोखे प्रसाद गंगाधरेश्वर मंदिर ही एकमात्र ऐसा मंदिर नहीं है जहां भगवान शिव और उनके भक्तों को एक अनोखे प्रकार का प्रसाद चढ़ाया जाता है.

 भारत के के विभिन्न हिस्सों में भगवान शिव को अलग-अलग चीजें चढ़ाई जाती हैं. शराब से लेकर पंचामृत तक और 'भांग' से लेकर पायसम तक हर क्षेत्र में हर भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने का अपना तरीका अपनाता है.