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अक्षय तृतीया पर क्यों होता है सोना खरीदना शुभ? लाभ जानंगे तो आप भी नहीं करेंगे कीमत की परवाह

अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना आमतौर पर अक्षय तृतीया और भगवान विष्णु के छठे अवतार की जयंती, परशुराम जयंती एक ही दिन पड़ती है, लेकिन तृतीया तिथि के आरंभिक समय के आधार पर, परशुराम जयंती अक्षय तृतीया के दिन से एक दिन पहले पड़ सकती है.

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Edited By: Reepu Kumari
Akshaya Tritiya 2025
Courtesy: Pinterest

Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया का हिंदू त्योहार, जिसे आखा तीज या अक्ति के नाम से भी जाना जाता है, इस साल कल 30 अप्रैल को मनाया जा रहा है. मान्यता है कि अक्षय तृतीया शुभ होती है और सफलता और सौभाग्य लाती है. इसलिए कई लोग इस दिन अपने जीवन में धन और समृद्धि का स्वागत करने के लिए सोना खरीदना पसंद करते हैं. यह भी माना जाता है कि अक्षय तृतीया पर खरीदा गया सोना हमेशा बढ़ता है और कभी कम नहीं होता.

अक्षय तृतीया वैशाख माह में शुक्ल पक्ष तृतीया के दौरान आती है. बुधवार के साथ रोहिणी नक्षत्र वाले दिन पड़ने वाली अक्षय तृतीया को बहुत शुभ माना जाता है. द्रिक पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया 30 अप्रैल 2025, बुधवार को है.

अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त

सुबह 05:41 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक

अवधि - 06 घंटे 37 मिनट

तृतीया तिथि आरंभ - 29 अप्रैल 2025 को शाम 05:31 बजे

तृतीया तिथि समाप्त - 30 अप्रैल, 2025 को दोपहर 02:12 बजे

अक्षय तृतीया का महत्व क्या है? 

अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु का शासन होता है जो हिंदू त्रिदेवों में संरक्षक देवता हैं. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन त्रेता युग की शुरुआत हुई थी.

आमतौर पर अक्षय तृतीया और भगवान विष्णु के छठे अवतार की जयंती, परशुराम जयंती एक ही दिन पड़ती है, लेकिन तृतीया तिथि के आरंभिक समय के आधार पर, परशुराम जयंती अक्षय तृतीया के दिन से एक दिन पहले पड़ सकती है.

यह क्यों शुभ है?

अक्षय तृतीया को उत्साह, जोश और उमंग के साथ मनाया जाता है और हिंदू धर्म में इसका बहुत धार्मिक महत्व है. 'अक्षय' शब्द का अर्थ है शाश्वत, जो हमेशा बना रहता है, जबकि 'तृतीया' का अर्थ है शुक्ल पक्ष का तीसरा दिन. लोकप्रिय मान्यता के अनुसार, इस दिन शुभ कार्य करने से आजीवन समृद्धि मिलती है.