Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में हमारे जीवन जीने के तरीकों के बारे में भी बताया गया है. इसके अनुसार कुछ ऐसी दिशाएं हैं, जिनमें सिर या पैर करके सोने से हम बीमार और परेशान रह सकते हैं. गलत दिशा में सोना वास्तु शास्त्र में मृत्यु शय्या के तुल्य माना गया है. हिंदू धर्म शास्त्रों में सोने को लेकर भी नियम व सिद्धांत बताए गए हैं. यही नहीं साइंस के अनुसार भी इस बात को प्रूव किया गया है.
हिंदू धर्म में मान्यता है कि उत्तर दिशा में सिर करके केवल मृतक को सुलाया जाता है. मान्यता है कि उत्तर दिशा में सिर और दक्षिण दिशा में पैर रखने से आत्मा को शरीर त्यागने में आसानी हो जाती है. इस कारण शास्त्रों में उत्तर दिशा में सिर करके सोना मृत्यु शय्या के बराबर माना गया है. इसके साथ ही मान्यता यह भी है कि गलत दिशा में सिर या पैर करके सोने से व्यक्ति के सुख, संपत्ति और आयु में कमी आती है और साथ ही व्यक्ति बीमार हो जाता है.
हिंदू धर्म शास्त्रों में लिखी इन बातों की पुष्टि विज्ञान भी करता है. विज्ञान के अनुसार भी उत्तर दिशा में सिर करके सोना गलत बताया गया है. ऐसा इस कारण है कि दक्षिण दिशा से उत्तर दिशा की चुंबकीय धारा बहती है. हमारी पृथ्वी एक चुंबक की तरह ही है. इसमें भी नॉर्थ और साउथ पोल होते हैं. उत्तर दिशा में सिर करके सोने से चुंबकीय तंरगे सिर में प्रवेश कर जाती हैं और व्यक्ति को मानसिक तनाव, सिर दर्द और भी कई मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है.
पद्म पुराण में लिखा है कि ' उत्तरे पश्चिमे चैव न स्वपेद्धि कदाचन..स्वप्रादायु: क्षयं याति ब्रह्महा पुरुषो भवेत. न कुर्वीत तत: स्वप्रं शस्तं च पूर्व दक्षिणम..'. इसके साथ ही विष्णु पुराण में भी लिखा है कि 'प्राच्यां दिशि शिरश्शस्तं याम्यायामथ वा नृप. सदैव स्वपत: पुंसो विपरीतं तु रोगदम..'.
इन दोनों श्लोकों का सार देखें तो यह है कि व्यक्ति को हमेशा पूर्व या फिर दक्षिण दिशा में ही सिर करके सोना चाहिए. पश्चिम या उत्तर दिशा में सिर करके सोने से रोग बढ़ते हैं और आयु कम होती है.
वास्तु और शास्त्रों व साइंस के अनुसार, पूर्व दिशा में सिर करके सोना चाहिए. इससे उसको स्वास्थ्य लाभ मिलता है. इसके साथ ही दक्षिण दिशा में भी सिर करके सोया जा सकता है.वहीं, कभी भी उत्तर और पश्चिम दिशा में सिर करके न सोएं.
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