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मंदिर से लौटते समय नहीं करनी चाहिए ये गलतियां वरना पूरी नहीं होगी मनोकामना!

Astro Tips: हिंदू धर्म में देवी-देवताओं के पूजन के कुछ नियम बनाए गए हैं. इन नियमों का पालन न करने पर पूजन का पूरा फल प्राप्त नहीं होता है. मंदिर में जाकर ईश्वर की वंदना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है, लेकिन कुछ ऐसे काम होते हैं, जो मंदिर से लौटते वक्त आपको कभी भी करने चाहिए. मान्यता है कि इन कामों को करने करने से मनोकामना की पूर्ति नहीं होती है. 

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: pexels

Astro Tips: हिंदू धर्म में देवी-देवताओं के पूजन का तरीका निश्चित है. मंदिर में दर्शन से लेकर पूजा करने तक में भी नियमों को अपनाना आवश्यक है. ज्योतिषशास्त्र में पूजन के कई नियमों का वर्णन किया गया है. जिनका पालन न करने पर व्यक्ति को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. ज्योतिष के अनुसार कुछ ऐसे काम हैं, जो मंदिर से लौटते वक्त आपको नहीं करने चाहिए. 

माना जाता है कि भगवान की पूजा करने के लिए लोग कलश में पानी लेकर जाते हैं, लेकिन वापस लौटते समय वे कलश खाली लेकर आ जाते हैं, जो कि शास्त्र के अनुसार बिल्कुल गलत है. मंदिर से कलश कभी भी खाली लेकर नहीं आना चाहिए. कोशिश करें कि कलश में चावल के कुछ दाने ही डाल लें. इसके साथ ही गलतियों को करने से आपके द्वारा मांगी गई मुराद भी पूरी नहीं होती है. 

परिवार में नहीं रहती है सुख और शांति 

अगर आप मंदिर से खाली कलश घर पर लाते हैं तो इसका आपके जीवन पर काफी नकारात्मक असर पड़ता है. इससे परिवार में सुख-शांति नहीं रहती है. अगर आप मंदिर से लौट रहे हैं तो कलश में कुछ जल लेकर आ जाएं और घर पर आने के बाद वहां इसका छिड़काव कर दें. इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होता है. 

मंदिर से लौटते समय नहीं बजाएं घंटी या घंटा

मंदिर में अंदर जाते समय वहां लगी घंटी या फिर घंटा बजाना शुभ होता है. वहीं, लौटते समय कभी भी घंटा नहीं बजाना चाहिए. मान्यता है कि घंटा बजाकर हम मंदिर में प्रवेश की भगवान से आज्ञा लेते हैं. घंटे की ध्वनि से शरीर और आसपास के वातावरण में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का अंत हो जाता है. वहीं, जब हम पूजन कर लेते हैं तो हमारा मन ईश्वर की भक्ति से भर जाता है. जब लौटते समय हम घंटा बजा देते हैं तो घंटे से स्वर से मन भ्रमित हो जाता है. इस कारण मंदिर से लौटते समय घंटा नहीं बजाना चाहिए. 

रास्ते में न करें प्रसाद ग्रहण 

मंदिर से लौटते समय वहां पर चढ़ाया हुआ प्रसाद कभी भी रास्ते में नहीं खाना चाहिए. इस प्रसाद को परिवार में बांटना चाहिए. 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.