Angaraka Yoga: ज्योतिष में अशुभ योगों का असर काफी खतरनाक होता है. इन दिनों आगजनी की घटनाएं सामने आ रही हैं. बीते दिनों गुजरात के राजकोट में आग लगने से 28 लोगों की मौत हो गई. दिल्ली के एक बेबी केयर हॉस्पिटल में भी नवजात बच्चों की मौत हो गई थी. इसके पहले भी डोंबिवली की एक फैक्ट्री में आग लगने से 8 लोग मर गए थे. ऐसी और भी कई घटनाएं हैं, महज 1 महीने के अंदर देखने को मिली हैं. इन घटनाओं की वजह कुछ भी रही हो, लेकिन ज्योतिष के जानकारों के अनुसार इन सभी घटनाओं का कारण एक अशुभ योग है.
ग्रहों का प्रभाव लोगों की जिंदगी के साथ ही प्रकृति और देश-दुनिया पर पड़ता है. ज्योतिष के अनुसार प्राकृतिक आपदाएं भी ग्रहों और नक्षत्रों के अशुभ प्रभाव के कारण होती हैं. अभी हाल में ही घटित हुईं आग की घटनाओं का मुख्य कारण ज्योतिष के जानकार अंगारक योग को मान रहे हैं.
अभी मीन राशि में मायावी ग्रह राहु और ग्रहों के सेनापति मंगल की युति बनी हुई है. इस युति के चलते अशुभ अंगारक योग का निर्माण हो गया है. राहु को भय, आपदा और अंधकार का कारक ग्रह माना जाता है. इस योग के कारण समस्याएं और अड़चनें आती हैं और यह दुर्भाग्य का कारक भी माना जाता है. इस कारण इस योग को बेहद ही खतरनाक माना जाता है. यह योग व्यक्ति के जीवन में उथल-पुथल मचाता है, यह गर्मी भी बढ़ाता है और इससे आगजनी की घटनाएं बढ़ जाती हैं.
1 जून को मंगल मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे तो यह योग समाप्त हो जाएगा. इसके बाद इस प्रकार की घटनाओं में कमी आने के आसार हैं या फिर इतनी अधिक भयावह स्थिति पैदा होने की आशंका कम है. अंगारक योग के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए रोज हनुमान चालीसा का पाठ करें. इसके साथ ही सुंदरकांड, बजरंग बाण नियमित रूप से संकट मोचन हनुमान अष्टक का पाठ करना चाहिए.
Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. INDIA DAILY LIVE इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.